आत्मविश्वास कैसे बढ़ाएं | Self confidence tips in hindi

Aatm-vishwas kaise badhaye (आत्मविश्वास कैसे बढ़ाएं) यह हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। सही mindset, motivation और रोज़ाना अभ्यास से आप अपने self-confidence को मजबूत बना सकते हैं।

छोटे लक्ष्य बनाएं और उन्हें पूरा करें :-

हम सब का लक्ष्य बड़ा है और उन्हें पूरा करना है। लेकिन हमारे मन में कई बार यह सवाल आते हैं कि इसे पूरा कर पाऊंगा या नहीं। लेकिन यदि हम उस बड़े लक्ष्य को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित कर दे तो उन्हें पूरा करना आसान हो जाएगा।

छोटे-छोटे लक्ष्य को पूरा करना हमें अनुशासित बनाने के साथ-साथ सफलता की एक स्पष्ट राह दिखाता है। इससे न केवल मानसिक तनाव कम होता है, बल्कि हमारी confidence भी बढ़ता है।

सकारात्मक सोच :-

नकारात्मक सोच हमारे आत्मविश्वास को नुकसान पहुंचाने वाले आदतों में से एक है। इससे हमारे confidence (खुद पर भरोसा) कम होने लगता है यह नकारात्मक सोच हमें डर, चिंता और आत्म संदेश में डाल देती है

हमारा सकारात्मक सोच हमारा Self confidence को मजबूत बनाता है। और अपने लक्ष्य के प्रति उत्साहित रखता हैं, और हम दूसरों से बेहतर संवाद कर सकते हैं इसके साथ-साथ हमारा व्यवहार भी सकारात्मक हो जाता है और लोग हमसे प्रभावित होने लगते हैं।

खुद की तारीफ करें :-

हम सभी हमेशा दूसरों की तारीफ करते हैं, लेकिन अपना तारीफ करना भूल जाते हैं, यह बहुत जरूरी है। अपनी योग्य आत्मविश्वास और आत्मसम्मान बढ़ाने में बेहद मदद (सहायक) होता है

खुद से प्रेम करना या तारीफ करना अपने आप में विश्वास बढ़ाने का पहला कदम है, इससे हम सभी आंतरिक रूप से मजबूत बनते हैं और हर दिन खुद को बेहतर बनाने की प्रेरणा देते हैं।

सकारात्मक लोगों के साथ रहे :-

हमारा सोचने का तरीका हमारा भावना का सीधा प्रभाव हमारे संपर्क लोगों से हैं, अर्थात यदि हम नकारात्मक सोच वाले लोगों के साथ ज्यादा समय बिताते हैं तो धीरे-धीरे हम भी वैसे ही सोचने लग जाते हैं। और हमारा मनोबल, आत्मविश्वास धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है और यदि हम सकारात्मक सोच वाले लोगों के साथ ज्यादा समय बिताते हैं। तो वैसे लोग हमें प्रोत्साहन करते हैं। और हमारा मनोबल बढ़ाते हैं। ऐसे लोग के साथ रहना हमारा सोच ऊर्जा और आत्मविश्वास तीनों को ऊर्जा प्रदान करता है।

नई चीज़ सीखने रहे :-

हमें हमेशा नई चीज सीखना हमें आत्मनिर्भर बनती है। चाहे वह तकनीक स्टील या जीवन से जुड़ी कोई सरल बातें या भाषा हमें अंदर से भावना विकसित करती है नई चीज सीखना हमें ज्ञान के साथ-साथ हमारा आत्मविश्वास को मजबूत करता है तथा मानसिक रूप से सक्रिय भी रखता है यह कल हमे नकारात्मक विचार से दूर रखता हैं तथा हमे दूसरों से अलग बनाता है और हमे अपने समाज में अधिक प्रभावशाली बनाता है।

डर का सामना करें :-

डर एक ऐसी भावना है जो हमें हमारे लक्ष्य की ओर जाने से रोकता है। अर्थात हमारे आत्मविश्वास को कमजोर बनाता है। इससे सामना कर आगे बढ़ाना हमारे Self confidenve की दीवार को मजबूत बनाता है

यकीन मानिए डर केवल एक सोच है। जो वास्तविकता से बहुत अलग होती है जिस दिन आप और हम उसे रेखा को पार कर गए उसे दिन आप पहले से ज्यादा सक्षम, निडर और प्रेरित महसूस करने लगेंगे और एक नई ऊर्जा होगी हमारे अंदर।

प्रत्येक दिन एक्सरसाइज करें :-

एक्सरसाइज करने से हमारे शरीर में एडाफिन नमक (फील गुड) हार्मोन निकलता है। जो हमारे तनाव कम करने के साथ-साथ स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इससे हमारे मन में सकारात्मक सोच आती है तथा खुद को बेहतर महसूस करते हैं इससे हमारा आत्मसम्मान के साथ-साथ आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

अच्छा पहनावा रखें :-

हम अच्छे कपड़ा सिर्फ लोगों को दिखाने के लिए नहीं पहनते बल्कि यह हमारे आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को गहराई से प्रभावित करता है और हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा आती है जो हमें याद दिलाती है कि हम अपने बारे में परवाह करते हैं।

जब भी हम किसी मीटिंग, इंटरव्यू या सामाजिक कार्य में उपस्थित होते हैं तो हमारा आत्मविश्वास स्वच्छता ही बढ़ जाता है लोग हमारी बातों को गंभीर से लेते हैं और सामाजिक स्तर पर हमारा संबंध मजबूत होता है।

दिनचर्या बनाएं :-

हमें दिनचर्या बनाकर हर काम को समय से पूरा करना जैसे: कब उठाना है, क्या-क्या कार्य करना है और कब आराम करना है यह हमारे जीवन को नियंत्रित करता है ना की परिस्थितियों आपके चल रही है यह नियंत्रण हमें आत्मविश्वास को मजबूत बनाता है।

दिनचर्या बनाकर कार्य करने से हमें आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ-साथ हमें अनुशासन में रखता है। इससे हम अपने समय को सही उपयोग करके अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाते हैं।

सफलता की डायरी रखें :-

हम प्रतिदिन या सप्ताह में उन छोटी-बड़ी सफलताओं को लिखेंगे जो हमने हासिल किया है या हासिल कुछ भी हो सकता है जैसे मैंने कोई काम समय पर पूरा किया या अच्छी आदतें विकसित किया या कुछ अचीव किया यह हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने का अत्यंत प्रभावी तरीका है।

यह डायरी हमें नकारात्मक सोचने से रोकती है जब भी हम निराश हो तब यह डायरी में पुराना विशेषताएं पढ़ कर हम अपनी छोटी-छोटी सफलता का आकलन कर सकते हैं इससे हमारा आत्मसम्मान और Self confidence दोनों में वृद्धि होगी।

तुलना करना बंद करें :-

जब मैं सोचता हूं कि “वह मुझसे बेहतर है” “उसकी जिंदगी मुझे अच्छी है” “मैं उसके जैसा क्यों नहीं हूं” तो मैं अपनी आत्मविश्वास को वहीं नष्ट कर देता हूं यह हमारे लिए सबसे बड़ी और खतरनाक आदतों में से एक है।

हमें यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि हम जैसे भी है दूसरों से बेहतर है उस दिन से हम अपनी लक्ष्य को ध्यान केंद्रित करने लगते हैं तथा अपनी प्रगति को पहचानने लगते हैं इससे हमें आत्म संतोष बढ़ता है तथा मानसिक शांति मिलता है।

ना कहना सीखे :-

ना कहना भी एक कला है कई बार हम सभी दूसरों को खुश करने के लिए हां बोल देते हैं जो हमारे समय और मानसिक शांति के खिलाफ होते हैं ये तनाव के साथ-साथ हमारा आत्मविश्वास को कमजोर करता है।

यदि हम अपनी आत्मविश्वास को मजबूत कर अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाना चाहते हैं तो हमें न करने की आदत डाल लेनी चाहिए।

अधिक जिम्मेदारी ले :-

जब हम और आप किसी कार्य को जिम्मेदारी लेकर करते हैं तो उसे सफलतापूर्वक पूरा करते हैं चाहे वह कर छोटा हो या बड़ा ऑफिस में किसी कार्य को लीड करना हो या सामाजिक संगठन में अपनी योग्य दान हमारी नेतृत्व क्षमता और आत्म समर्पण को दिखाती है।

जिस दिन से आप और हम अधिक जिम्मेदारी लेना शुरू करते हैं उसके बाद हमारे आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता मजबूत होती चला जाता है इसका सीधा अर्थ यह है कि हम किसी कार्य परिणाम या स्थिति की पूरी जिम्मेदारी को स्वीकार करना चाहिए वह जवाब दे ही हमारे परिवार कार्य स्थान या स्वयं के लक्ष्य से जुड़ा हो।

समय की कद्र करें :-

यह बात आप अच्छे से जानते हैं कि समय की कद्र करना हमारे सबसे मूल्यवान संसाधन है जिसे एक बार खो देने से वापस नहीं पाया जा सकता है समय की कद्र करना हमें यह दर्शाता है कि हम जीवन में अपने सपनों और जिम्मेदारियां को गंभीरता से लेते हैं।

समय को कदर करना हमारे आत्मविश्वास को मजबूत करता है तथा जीवन में अनुशासन स्पष्ट और लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता लाता है यह आदित्य हमें सफलता की ओर ली जाती है और अंदर से आत्मविश्वासी बनता है।

अनुभव साझा करें :-

अपनी अनुभव साझा करना न केवल दूसरों को प्रेरित करता है बल्कि खुद को भी आत्मविश्वास से भरता है अनुभव साक्षा अर्थात ज्ञान का आदान-प्रदान कौशल को निखारता है किस हमारे अंदर मंच पर बोलते विचार रखने की क्षमता बढ़ जाती है जिससे हमारे आत्मविश्वास को मजबूती मिलती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version