इनफ्लुएंसर मार्केटिंग :- एक विशिष्ट रणनीति से विकसित होकर वैश्विक विज्ञापन खर्च के एक बड़े हिस्से को संचालित करने वाली एक शक्तिशाली कंपनी बन गई है 2030 तक इस उद्योग को 165 अरब डालर तक पहुंचाने की उम्मीद है।
आज के समय में उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सेलिब्रिटी विज्ञापनों पर निर्भर रहने के दिन अब पीछे छूट गए हैं, आज के समय में बड़े नाम पीछे छोड़ छोटे विशिष्ट प्रभावशाली लोग इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं और अपने दर्शकों के साथ ज्यादा प्रमाणिक और जुड़वपूर्ण संबंध बना रहे हैं, इस ब्लॉग आर्टिकल में हम गहराई से जानेंगे कि इनफ्लुएंसर मार्केटिंग क्या है? इसके लाभ और यह कैसे कार्य करती है? और यह ब्रांड के डिजिटल एडवर्टाइजमेंट के तरीकों को कैसे बदलती जा रही है।
आप एक मार्केटर हो या इनफ्लुएंसर जो अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए उत्सुक हो या आप एक ब्रांड की शुरुआत करना चाहते हो यह आर्टिकल आप सभी के लिए सफल जानकारी देगी।
इनफ्लुएंसर मार्केटिंग क्या है?
इनफ्लुएंसर मार्केटिंग सोशल मीडिया का एक रूप है, जिसमें एक ब्रांड एक ऐसे व्यक्ति के साथ साझेदारी करता है, जिसके सोशल मीडिया पर एक बड़ा और जुड़ा दर्शक वर्ग होता है, यह प्रभावशाली व्यक्ति अपने क्षेत्र के इनफ्लुएंसर विशेषज्ञ माने जाते हैं।
सरल भाषा में समझते हैं तो ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए उन प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग लेना जिनकी ऑनलाइन उपस्थिति मजबूत होती है, यह प्रभावित व्यक्ति अपने क्षेत्र के लोगों की राय बनाए रखने में क्षमता रखते हैं, इन्होंने वफादार और एक्टिव फॉलोअर्स का समूह बनाया होता है, जो उनके साथ साझेदारी करके ग्राहक उन प्रभाव का लाभ उठाकर अपनी पहुंच बढ़ाते हैं, और वास्तविक जुड़ाव बढ़ाते हैं।
प्रभावशाली व्यक्ति (इनफ्लुएंसर) कितने प्रकार के होते हैं?
इनफ्लुएंसर अपने उद्योग और विशेषता के आधार पर विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं, इनफ्लुएंसर को वर्गीकृत उनके फॉलोअर्स की संख्या पर सबसे लोकप्रिय है।
1. नैनो इनफ्लुएंसर : इस प्रकार के इनफ्लुएंसर अपेक्षाकृत नए हैं, क्योंकि पहले केवल बड़ी संख्या वाले फॉलोअर्स को ही इनफ्लुएंसर माना जाता था, इनके 1000 से 10,000 फॉलोअर होते हैं यह इनफ्लुएंसर किसी खास विशेष पर केंद्रित होते हैं, अपने फोकस्ड ऑडियंस के कारण इसकी जुड़ाव दर बड़े इनफ्लुएंसर की तुलना में ज्यादा होती है।
2. माइक्रो इनफ्लुएंसर :- इन इनफ्लुएंसर के 10,000 से 50,000 तक फॉलोअर्स होते हैं, हालांकि इनका जुड़ाव नैनो इनफ्लुएंसर से थोड़ा काम होता है।
3. मैक्रो इन्फ्लुएंस :- इन इनफ्लुएंसर की पहुंच एक लाख से 10 लाख तक होती हैं, इन्हें कई तरह के उद्योग में पाया जाता है, कई ब्रांड अपने उत्पादों और सेवाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इन्हें अप्रोच करते हैं।
4. मेगा इनफ्लुएंसर :- इन इनफ्लुएंसर की पहुंच 10 लाख से ज्यादा होती है, उनके साथ सिर्फ बड़े कंपनियां ही साझेदारी कर सकती है, क्योंकि इनके साथ काम करने के लिए बड़े बजट की आवश्यकता होती है।
इनफ्लुएंसर मार्केटिंग के फायदे
इनफ्लुएंसर मार्केटिंग आज किसी दूसरे मार्केटिंग तरीके से ज्यादा फेमस हो रही है कई लोग इसमें अपना कैरियर बनाना चाहते हैं अलग-अलग प्लेटफार्म में क्या कारण है कि इनफ्लुएंसर मार्केट किंग इतना फेमस हो रहे हैं चाहिए इसके विभिन्न फायदे-
1. सिलेक्टेड ऑडियंस तक पहुंचे :- इनफ्लुएंसर मार्केटिंग करने से पहले वह व्यक्ति अपने क्रांतिकारी तय करते हैं : जैसे फाइनेंस, एजुकेशन, मार्केटिंग, मोटिवेशनल आदि
कंपनियां अपने क्रांतिकारी से जुड़े इनफ्लुएंसर से ही कांटेक्ट करती है, इसमें कंपनी से जुड़ी ऑडियंस आसानी से कंपनी का मिल जाती है।
2. ब्रांड पर विश्वास बढ़ना :- किसी भी कंपनी को अपने ब्रांड पर लोगों का विश्वास बढ़ाने में काफी समय लगता है, इसी कारण से जब कंपनी इनफ्लुएंसर से संपर्क करती है तो उसके फॉलोअर्स इनफ्लुएंसर पर विश्वास के कारण उसके ब्रांड पर भी आसानी से विश्वास कर लेता है।